
देवास। भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व जिला महामंत्री पोपेंद्र सिंह बग्गा ने रविवार देर रात बड़वाह क्षेत्र में स्थित मोरटक्का पुल से नर्मदा नदी में छलांग लगाकर सनसनी फैला दी। कड़ी मशक्कत के बाद वे लगभग 10 किलोमीटर दूर सकुशल बरामद किए गए।
सूत्रों के अनुसार, घटना से पहले बग्गा ने अपनी एक्टिवा एक होटल के सामने पार्क की और पैदल मोरटक्का पुल की ओर बढ़ गए। सीसीटीवी फुटेज में उनका चेहरा उदास व निराश दिख रहा था।
निजी जिंदगी के गहरे घाव
राजनीतिक और व्यावसायिक संघर्षों के बीच बग्गा अपनी व्यक्तिगत जिंदगी के दर्द से भी जूझ रहे थे। कुछ समय पहले उनके बेटे का असमय निधन हो गया था। इस घटना ने उन्हें भीतर तक तोड़ दिया था और वे लगातार मानसिक तनाव में रहने लगे थे।
राजनीति और व्यवसाय दोनों में झटके
एक समय देवास की राजनीति में उनकी गिनती सबसे प्रभावशाली नेताओं में होती थी। स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के करीबी रहे बग्गा का कद चौहान के निधन के बाद धीरे-धीरे कम होता गया। हाल ही में भाजपा की नई संगठनात्मक सूची में उन्हें जिला महामंत्री पद से भी हटा दिया गया। इससे पहले भी वे जिला अध्यक्ष की दौड़ में पिछड़ गए थे।
व्यवसायिक मोर्चे पर भी बग्गा को भारी नुकसान झेलना पड़ा। शराब कारोबार से जुड़े रहने के कारण करोड़ों का घाटा उठाना पड़ा था। प्रदेशभर में कई ठेकेदारों द्वारा नुकसान के चलते आत्महत्या जैसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। हालांकि, बग्गा के इस कदम के पीछे कारण अभी स्पष्ट नहीं है।
समाजसेवा भी रही पहचान
राजनीति और व्यवसाय में चुनौतियों के बावजूद पोपेंद्र सिंह बग्गा समाज सेवा के लिए भी जाने जाते हैं। कई सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही है। यही वजह रही कि उनकी सकुशल बरामदगी के बाद समर्थकों और शुभचिंतकों ने राहत की सांस ली।
फिलहाल पुलिस जांच का विषय है। इस घटना के जांच के बाद ही कुछ कहना स्पष्ट हो पाएगा।





